What Is Self Motivation
सेल्फ मोटिवेशन मतलब, अपने आप को खुद ही प्रोत्साहित करना, प्रेरणा देना, एक सकारात्मक उर्जा देना, आशा से भरा सही मार्ग दिखाना।
मोटिवेशन की जरुरत कब पड़ती है किसी को, जब किसी काम का परिणाम आशा के अनुरूप ना आया
हो या नकारात्मक आया हो, किसी क्षेत्र में कदम रुक गये हों,
दिमाग में आ रहा हो कि अब तो कुछ भी नही हो सकता, आगे का रास्ता समझ न आ रहा हो।
निराशा ने घेर रखा हो, जिसका समाधान न मिल पा रहा हो और निराशा बढती
जा रही हो। कोई नया काम करना हो लेकिन मन में घबराहट हो कि नही हो सकता क्यों की
मेरी इतनी काबिलियत नही है। ऐसी ही बहुत सी परिस्थितियाँ।
ऐसी परिस्थिति में खुद को
खुद से प्रेरणा देना आसान नही होता, तो क्या करें और कैसे ?
How To Motivate Yourself | कैसे अपने आप को प्रेरित करें
किसी और के जीवन से मोटिवेशन लेना चाहते हैं तो ले सकते हैं, इसमें कोई बुराई नही है। लेकिन क्या आप ने अपने जीवन में कभी झांक कर देखा, कि उसमे मोटिवेशन का खजाना भरा पड़ा है, उस छिपे हुए खजाने के बारे में आप से ज्यादा कोई और नहीं जान सकता है।
जीवन में आप ने कभी भी जिद्द की है भले किसी ने भी उस वक़्त आप को बहुत कुछ बोला हो, कहा गया हो की जिद्द नहीं करते और फिर भी जिसके लिए जिद्द की वो हासिल किया आप ने, किसी से बहस हुआ हो और मन में आया की अब पीछे नहीं हटना और आप पीछे नही हटे, कभी स्कूल कॉलेज में किसी प्रश्न का उत्तर बहुत लम्बा और कठिन था लेकिन आप ने उसे छोड़ नहीं दिया, पूरा याद किया। किसी से प्यार हुआ हो और लगा हो की उसके बिना नहीं रह सकते लेकिन उसके बिना जी रहे हों, ये आप के अंदर का आत्मबल है, घर से दूर नहीं रह सकते लेकिन आज दूर रह रहे हों ये आप की सहन शक्ति है, ऐसे बहुत सी घटनाये जो जीवन में हुई हो और आप एक योद्धा की तरह डट कर खड़े रहे हों।
आज आप हार कैसे मान रहे हैं, हार कर बैठ जाने से कोई समाधान निकलने वाला नही है, किसी भी समस्या का समाधान उसका हल खोजने से ही मिलेगा। समस्या से संबंधित समाधान पर शांत मन से आत्ममंथन कीजिये। समाधान खोजने के लिए अपने मित्रो, अपने सगे सम्बन्धियों से विचार विमर्स कीजिये, समस्या से संबंधित लेख पढिये, विडियो देखिये, और भी बहुत से तरीके है खोजने के, उन पर आगे बढ़िये।
जीतने की जिद्द एक आग अपने अंदर जलाइए, मन को दृढ कीजिये की पीछे नही हटेंगे, दिमाग को शांत रखेंगे की समाधान का रास्ता कितना भी लम्बा हो हारना नही है। आत्मबल का पहाड़ समस्या के सामने रखिये की वो कंकड़ के सामान लगने लगे, सहन शक्ति को सागर की तरह बनाइये की समस्या उसकी गहराइयो में अपना अस्तित्व खो दे।
आप तब तक नहीं हारते जब तक आप हार मान नही लेते।
How To Motivate Yourself Around You | अपने आस पास अपने आप को कैसे प्रेरित करें
खिड़की खोलें-अपने मन की, सकारात्मक विचारो की ताजगी भरी हवा अंदर आने दें, बंद खिड़की से न ही ताजी हवा अंदर आती है ना ही अंदर की बासी दुर्गन्ध बाहर जा पाती है।
![achievement](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhousyqZovsylziyWW9ApouuJ9wbhsrelXvCmpp-JQuoxSb-41vjgImG60xnLW6oZqNHvF2yrWALG6UYSL_7n05ryLXzmU8uH7X8tHtVDzI0qaMxk2CDGurXS2I5kozMsCBe9MS01FFrF4/s200/achievement.jpg)
दरवाजा खोलें-अपने दिमाग का, अपने पुराने स्किल को एक नया आयाम दें, नयी बाते सीखें, नयें स्किल को खोजे और उसे आगे बढाएं।
दीवारों और छत-की तरह अपने संकल्प को दृढ रखें, ये आप को आगे बढ़ने के लिए सुरक्षा प्रदान करेगा।
अच्छे लोगों का साथ
रखें-सकारात्मक और प्रेरणा से
भरे लोगों के साथ अधिक वक़्त बीताये और मेल मिलाप करें। आमतौर पर, सकारात्मक मानसिकता और दृष्टिकोण वाले लोग सबसे अच्छे
प्रेरक होते हैं। आपकी स्थिति चाहे जो भी हो,
वे हमेशा आपके मन की
स्थिति को सुधारने और विकसित करने का प्रयास करें।
जब भी आप
नकारात्मक विचारों का सामना करते हैं,
तो ऐसे लोगों के साथ या
तो उनसे या फोन पर बात करें। सकारात्मक और प्रेरित लोग नकारात्मक लोगों से बहुत
अलग होते हैं। वे कठिन समय के दौरान आपको आगे बढ़ने और नये अवसरों को देखने में
मदद करेंगे।
गलतियों से
सीखें-इसका अर्थ है अपनी पिछली
गलतियों से सीखना, क्योंकि मनुष्य के रूप में हम सभी अपने व्यक्तित्व
में निहित दोषों के कारण गलतियों से ग्रस्त हैं। याद रखें, गलतियाँ अंतिम ठहराव नहीं हैं। ज्यादातर लोग विश्वास खो
देते हैं जब चीजें गड़बड़ हो जाती हैं और वांछित परिणाम नहीं निकलते हैं। गलती हमे
महत्वपूर्ण सबक सिखाती हैं, क्या सही है क्या गलत और हमे भविष्य में क्या करना है।
खुशी को चुनें-प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने वाले
किसी भी व्यक्ति के लिए दुखी,परेशान होना प्राकृतिक है। लेकिन दुखी हो कर खुद पर विस्वास
खोने से किसी भी समस्या को हल करने में मदद नहीं मिलेगी। हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है, हर बुरी स्थिति हमेशा गुजर जाती है, हर बुरी परिस्थिति
आखिरकार गायब हो जाती है, हर समस्या अस्थायी है।
लक्ष्य निर्धारित
करें- हमेशा लक्ष्य
निर्धारण की सुरुआत छोटे और कम वक़्त में पूरा होने वाले लक्ष्य से करें। धीरे-धीरे
अपने कार्य क्षमता बढाये और बड़े लक्ष्यों का निर्धारण करें। लक्ष्य निर्धारण
द्वारा आप अपने मस्तिष्क को केवल विशिष्ट और खाश दर्जे की चीजों पर ध्यान केंद्रित
करने के लिए प्रशिक्षित करते हैं।
हमेशा याद रखिये कोई भी समस्या आप के जज्बे से बड़ी नही हो सकती।
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