Sushant Murder or Suicide ? Hate Love Story in Hindi -Mystery Solve : थ्रिलर सस्पेंस हिंदी कहानी या हकीकत ?
सुशांत मर्डर या सुसाइड ? लव स्टोरी या हेट स्टोरी ?....
इस सवाल के जवाब का सभी को इंतजार था। सुशांत सेन की मौत को दो
महीने गुजर गये थे। पुलिस ने उसकी मौत को आत्महत्या बता कर केस बंद कर दिया।
सुशांत एक फेमस टीवी कलाकार
था उसके प्रसंसक और उसका परिवार इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं थे की सुशांत
आत्महत्या कर सकता है। उनका कहना था की सुशांत की हत्या की गयी है। मीडिया में भी
इस केस को ले कर बहुत उठा-पटक मची हुई थी। सुशांत के परिवार के अथक प्रयास से
प्रशासन ने केस को CID को दे दिया।
केस की छानबीन के लिए एक टीम बनायी गयी जिसे
लीड करने की जिम्मेदारी दी गयी थी।
“ये केस स्पेसली CID को दिया गया है इस केस का महत्त्व आप सभी समझ सकते है, दयानंद और गोपी मेरे साथ पहले भी काम कर चुके हैं तुम तीनो पहली बार मेरे साथ काम कर रहे हो, मेरा नाम है”
“प्रदुम सर, आप को कौन नहीं जानता, आप तो
इंडिया में वर्ल्ड फेमस हो” गोपी मक्खन लगाते हुए बोला।
“सभी अपना मक्खन घर पर रख कर आयेंगे, यहाँ
सिर्फ काम, मै दया और गोपी स्पॉट पर जा कर इन्वेस्टिगेसन करेंगें, तुम तीनो सभी
सस्पेक्ट की लिस्ट बनाओ, केस से जुड़े हुए सभी दस्तावेज थाने से मंगा लो। चार बजे
हम सभी यहीं मिलेँगे” :प्रदुम कड़क अंदाज में बोले।
प्रदुम, दया और गोपी सुशांत सेन के फ्लैट
पर पहुचते हैं।
गोपी “सर दरवाजा तो बंद है।” “दरवाजा तोड़ दू।” :दया
प्रदुम “पैर की जगह कभी कभी दिमाग भी चला
लिया करो, फ्लैट की चाभी मंगा ली थी, ये लो चाभी” फ्लैट के अंदर पहुच कर सबसे पहले तीनो उस
कमरे में गये जहाँ सुशांत की डेड बॉडी मिली थी।
दया “सुशांत सेन की बॉडी इसी कमरे में फंदे से झूलती हुई मिली थी, सुशांत सेन की लम्बाई 6 फुट थी, उसकी बॉडी रस्सी के बने फंदे पर मिली, रूम में कोई भी स्टूल या कोई ऊँचा सामान नहीं मिला जिसका सपोर्ट पैर रखने
के लिए हुआ हो, उसके पैर बेड के साइड में 10 इंच नीचे की ओर थे और फर्स से 9 इंच उपर थे, जोर जबरजस्ती या हाथा-बाई के कोई निशान नहीं मिले।”
“ये तभी संभव है जब गले में फंदा डाल कर
बेड पर खड़े हो कर, बेड से बाहर की ओर कूदा गया हो, फंदे पर गला कसते ही इन्सान के
अंदर की इंस्टिंक्ट पैर को किसी सपोर्ट पर रखने को मजबूर करती है, इस केस में बेड
का सपोर्ट लिया जा सकता था लेकिन नहीं लिया, इस आत्महत्या में ‘आत्म’ है या नहीं,
यही पता करना है।” प्रदुम
छानबीन पूरी करने के बाद तीनो ऑफिस लौट
रहे थे। गोपी ने रेडियो पर समाचार लगा दिया, जिस पर निपोटिज्म पर बहस चाल रही थी।
Nepotism kya hai...
“ये निपोटिज्म का बहुत बवाल है, सर ये
निपोटिज्म है क्या” गोपी ने सवाल दागा।
“एक घास के बड़े से मैदान में कुछ भैसे आ गये उन्होंने अपना परिवार बढाया, कुछ बैल भी उनके साथ थे, इन्होने मैदान की घेरा बंदी कर ली और उसे अपनी बपौती समझने लगे। मैदान के बाहर खड़े दूसरे प्राणी मैदान की चकाचौंध और इनके दर्शन कर खुश होते रहते, ये गोबर भी करे तो वाह वाह करते, और जब इन प्राणियों में से
कोई उस मैदान में जाता है तो वो उसे बाहर वाला कहते और अपने बराबर का दर्जा नहीं देते, चाहे वो कितना ही काबिल हो, ये चाहते है की ये जो बोले वो हो, इनके किये गोबर को सूंघो और वाह वाह करो। कुछ प्राणी ऐसा करते भी हैं, कुछ अपनी काबिलियत पर इस मैदान में रहना चाहते हैं। उन्हें परेशान किया जाता है। परेशानी ये है की हम अपने उपर हुए जुर्म को याद रखते हैं लेकिन अपने जैसे आम आदमी पर हुए जुर्म को भुला देते हैं। ये भाई भतीजा वाद हर छेत्र में है। यही निपोटिज्म है” प्रदुम गंभीरता से बोले।
CID ऑफिस में चार बजे….
प्रदुम “रामू सभी दस्तावेज मंगा लिए और
सस्पेक्ट की लिस्ट बनी?”
रामू “यस सर,” “डिटेल में बताओ” प्रदुम
“सर, सुशांत सेन और उसका फ्लैट मेट सिद्दांत उस फ्लैट में
रहते थे। सुशांत सेन और उसके दोस्तों ने 11 जनवरी की रात बाहर जा कर खाना खाया,
देर रात तक़रीबन 1 बजे सभी अपने अपने घर चले गये सिर्फ धीरज, सुशांत के फ्लैट पर
रुक गया। 12 जनवरी सुबह 8 बजे सुशांत के नौकर दिनेश ने उसे बेड टी और टोस्ट दिया, दिनेश
घर के सारे काम देखता है। सुशांत सेन कुछ देर टीवी देखने के बाद अपने रूम में चला
गया, तक़रीबन 1 बजे दोपहर में दिनेश लंच के लिए पूछने गया, रूम अंदर से लॉक था।
काफी देर तक रूम नहीं खुला तो रूम का लॉक सिद्धांत ने तोड़ दिया, तीनो रूम के अंदर
गये तो सुशांत की बॉडी को फंदे पर लटका हुआ पाया, तीनो ने मिल कर सुशांत सेन की
बॉडी को नीचे उतारा की शायद उसकी सांसे चल रही हो, सिद्धांत ने पुलिस को फ़ोन पर
इनफार्मेशन दी, 2.30 बजे पुलिस आ गयी और
उसने अपनी कार्यवायी शुरु की।”
“रूम लॉक था और सभी रूम के बाहर थे, तो ये
हत्या तो हो नहीं सकती।” गोपी कॉन्फिडेंट से बोला।
“कभी कभी जो दिखता
है वो होता नहीं है, हमारा काम सच को खोजना और उसकी तह तक जाना है….
रामू कोई और डिटेल” प्रदुम
रामू “सर, सुशांत और उसकी प्रेमिका दिया बनर्जी का 1 महीने पहले ब्रेकअप हो गया था, वो सुशांत को छोड़ कर
चली गयी थी।”
Hindi Kahani
“यानि इस केस में
ये चार अहम् किरदार है, सुशांत के नौकर दिनेश और फ्लैट मेट दोस्त सिद्धांत को दो
दिन बाद गुरुवार को और दिया, धीरज से अगले दिन पूछताछ करो, इन दो दिनों में सबकी
कुंडली खंगालो और भूतकाल में किये गये सबके पापो की तह तक जाओ” प्रदुम ने कड़क
अंदाज में आर्डर दिया।
“सर, ये भूत का
काल क्या है” गोपी दया “भूतकाल,
पास्ट, बिता हुआ वक़्त, जैसे तेरी जवानी मिस्टर गोपी”
सभी हँसने लगते हैं।
प्रदुम मोबाइल पर किसी को कॉल करते हुए रूम से बाहर चले जाते हैं।
गुरुवार सुबह CID
ऑफिस….सभी मौजूद हैं….
“क्या पता चला
सबकी पूछताछ में” प्रदुम “सर,
सबने वही स्टेटमेंट दिया जो पुलिस रिकॉर्ड में मौजूद है” रामू
“सर, दिनेश के
खिलाफ 4 साल पहले चोरी की FIR उसके पुराने मालिक ने दर्ज करायी थी, उसने चोरी की
ये प्रूफ नहीं हो पाया , लेकिन चोरी में अंदर की जानकारी देने के आरोप में उसे एक
महीने की जेल हुई थी। धीरज के खिलाफ 2 साल पहले छेड़खानी और मारपीट की कमप्लेन की
गयी थी, बाकि किसी के खिलाफ कोई कमप्लेन या FIR नही मिली, सबकी कॉल डिटेल और
कन्वर्सेशन की डिटेल सोमवार तक आ जाएगी” दया
“सोमवार से सभी
को एक एक दिन यही बुलाओ सबकी इन्वेस्टीगेशन यही पर होगी” प्रदुम
सोमवार CID ऑफिस….
प्रदुम “दिनेश सब
कुछ बताओ जो तुमने देखा सुना और पुलिस को नहीं बताया” दिनेश”साहब, मुझे जो भी पता था मैंने पुलिस
को सब बता दिया था”
प्रदुम “पुलिस को
तुमने बताया की चोरी के केस में तुम जेल भी गये, अगर ये खबर बाहर आ गयी तो…..काम
मिलने में बहुत मुश्किल होगी” “नहीं
साहब, आप जो भी पूछेंगे मै सब बताऊंगा” दिनेश रोते हुए बोला।
दिनेश से 2 घंटो
तक पूछताछ चली….अगला नंबर धीरज का था।
प्रदुम “सुशांत
सेन को किसने मारा” धीरज “सर
सुशांत ने तो आत्महत्या की थी”
गोपी “सर ने बोला तो ‘नो इफ नो बट’ ओनली सच”
प्रदुम “तुमने
सट्टे में 25 लाख हारे, ये पैसे तुमने सुशांत से लिए थे, तुम इंकार करोगे, तो मै
तुम्हे तुम्हारे मोबाइल की कॉल रिकॉर्ड और मैसेज कन्वर्सेशन दिखाऊंगा, 12 जनवरी की
सुबह इन पैसो को ले कर सुशांत से बाते हुई थी (दिनेश ने बताया), तुम कुछ गलत धंधो
में भी इनवाल्व हो” …. 4 घंटो तक पूछताछ चली, कई लोगो की कुंडली के राज बाहर
आये।
अगले दिन
सिद्धांत और दिया का नंबर था….. CID ऑफिस में….
अगले 25 दिनों तक
कई बार उन सब से पूछताछ की गयी….
प्रदुम “दया अब
तक की कार्यवाही की डिटेल क्या है”
दया “सर इस केस में कई नाम सामने आये है, लेकिन ये चार सुशांत डेथ में मुख्य सस्पेक्ट हैं….
Sushant Death Suspect....
1) दिया बनर्जी: 2 साल से सुशांत की प्रेमिका थी, 1 महीने पहले सुशांत से ब्रेकअप और उसे छोड़ दिया, जिसकी एक बड़ी वजह दिया और इंडस्ट्री के एक नामी डायरेक्टर के बीच के सम्बन्ध हैं(कुछ फोटो, चैट मेसेज), जो सुशांत दिया के बीच की दरार की मुख्य वजह थी। सुशांत डिप्रेशन में था जिसका इलाज दिया करवा रही थी। दिया के भाई
की कई कंपनी में सुशांत के अकाउंट से 6 करोड़ ट्रान्सफर किया गया (अकाउंट डिटेल)। सुशांत को मादक पदार्थ लेने की आदत दिया ने ही लगायी ऐसा इन्वेस्टीगेशन में सामने आ रहा है।
2) सिद्धांत:
सुशांत का दोस्त और फ्लैट मेट, 50 लाख का कर्ज सट्टे में(चैट मेसेज, खबरी द्वारा),
10 लाख का मादक पदार्थ के लेन दें में, जिसे चुकाने के लिए 50 लाख सुशांत से लिए
गये थे (चैट मेसेज), करीब 2 साल पहले, जो सिद्धांत के गले की हड्डी बन गये थे। 6
महीने से फ्लैट का रेंट भी सिर्फ सुशांत ही दे रहा था।
3) शोवित बनर्जी:
दिया का भाई, कई फर्जी कंपनी है इसके नाम पर, जिसमे 6 करोड़ ट्रान्सफर किये गये
सुशांत के अकाउंट से (अकाउंट डिटेल), कई बार मादक पदार्थ दिया को प्रोवाइड करवाया,
सुशांत के डिप्रेशन का इलाज जिस डॉक्टर के पास हो रहा था वो शोवित का करीबी है (खबरी
द्वारा)।
4) धीरज: सुशांत
का दोस्त,1 साल पहले काम के लिए सुशांत से 25 लाख लिए, सट्टे में हार गया। 1 साल
से पैसे नहीं लौटा पाया। कई गलत धंधो में संलिप्त रहा है (अकाउंट डिटेल, खबरी
द्वारा)।
इन सब का अपना
अपना फ़ायदा था सुशांत सेन की मौत से, अगर ये आत्महत्या नहीं है तो…..इनमे
से कोई भी कातिल या क़त्ल में इनवाल्व हो सकता है, या डिप्रेशन में सुशांत सेन को
आत्महत्या के लिए उकसाया गया, जो उसकी मौत का कारण बना”
प्रदुम
“आत्महत्या है तो उसकी वजह क्या है?..क्या उसे
आत्महत्या के लिए उकसाया गया?....लेकिन बेड पर खड़े हो कर उसके किनारे पर लटक कर आत्महत्या
करना क्या आसान है ?....अगर….ये हत्या है?..तो कैसे की गयी?....रूम
अंदर से बंद था....लॉक बाहर से तोड़ कर अंदर जाया गया…. हत्या की किसने..”
“सर किसी भूत
प्रेत का चक्कर तो नहीं है” गोपी
दया “भूतो का सरदार गोपानंद तो यहाँ है, उसकी मर्जी के बिना कोए भूत कुछ कर
सकता है क्या?”
सभी हसने लगते हैं…..
“अगर वो भूत भी
है तो जल्द ही गिरफ्त में होगा” प्रदुम
दया “सर क्या
वक़्त आ गया है किसी पर भरोसा नही कर सकते, दोस्ती प्यार रिश्तो से बड़ा पैसा हो गया
है।”
गोपी “सर इनमें से कोई भी, कुछ भी ऐसा नहीं बोल रहा है जिससे ये केस साल्व हो सके।”
दया “जब घी सीधी
ऊँगली से ना निकले तो उगली टेढ़ी करनी पड़ती है।”
“फिर भी काम न
चले तो इतनी गर्मी कर दो की घी पिघल कर निकल जाए” गोपी हँसते हुए।
प्रदुम “दिनेश को
अपने किले में ले आओ।”
शहर से दूर एक सीक्रेट
जगह पर.....
दिनेश “साहब आप
मुझे कहाँ ले आये।”
“सच निकालने का
किला, यहाँ सच इन्सान के अंदर से फूट फूट कर बाहर आता है, अब तुम बोलोगे, या....”
दया
“आप ऐसा नहीं कर
सकते” दिनेश
“मै क्या कर सकता
हूँ ये मुझे भी नहीं पता।” दया “लेकिन
तुम्हे जल्द ही पता चाल जायेगा।” गोपी
बहुत से औजार और
मशीन गोपी टेबल पर रखता है.....
“ये सब शुरु हो
जाए, इससे पहले तुम शुरु हो जाओ, 12 जनवरी को क्या हुआ, धीरज, सिद्धांत, दिया और
सुशांत सेन के बीच हुई हर बातें जो तुम्हे पता है” प्रदुम
दिनेश “साहब इसमें मेरा कोई लेना देना नही है, 12 जनवरी को सुशांत साहब को नास्ता देने के बाद मै लंच की तैयारी करने लगा, इस बीच मेरा ध्यान गया की धीरज और सिद्धांत, सुशांत साहब के रूम में है....तीनो के बीच कुछ बाते चल रही थी, करीब 1 बजे मै साहब से लंच के लिए पूछने गया लेकिन साहब ने दरवाजा नहीं खोला बाकि आप को पता है।”
प्रदुम “ये तुमने
पहले क्यों नहीं बताया”
“साहब, सिद्धांत
ने जब पुलिस को फ़ोन किया, पुलिस के आने से पहले धीरज और सिद्धांत साहब बाते कर रहे
थे की सुशांत ने ऐसा क्यों किया तो मेरे मुंह से निकल गया की आप दोनों भी तो उनके
साथ रूम में थे फिर ऐसा कैसे हो गया, उन दोनों ने मुझे धमकाया की पुलिस को ये सब न
बताऊ, उन्होंने कहा की वो दोनों कुछ देर के लिए हे सुशांत के रूम में थे बाद में
वो बाहर आ गये और सुशांत साहब ने दरवाजा बंद कर लिया, उन्होंने कुछ न बोलने के लिए
5 लाख रुपये भी दिए, साहब उन्हें न बताना की मैंने आप को ये सब बताया है नहीं तो
वो मुझे नही छोड़ेंगे” दिनेश गिड़गिड़ाते हुए बोला।
प्रदुम “धीरज और
सिद्धांत को तुरंत ऑफिस ले कर आओ”
CID
ऑफिस........ रूम न.1 में
धीरज...... रूम न.2 में सिद्धांत......
....रूम न.1....
दया और रामू .....
धीरज “आप लोग
मुझे यहाँ क्यों ले कर आये, मुझे जो भी मालूम था मैंने सब बता दिया।”
दया “सुशांत को
क्यों मारा” धीरज “सर सुशांत ने तो आत्महत्या
की है, मै भला उसे क्यों मारूँगा।”
दया “तो 12 जनवरी
की सुबह सुशांत की मौत से कुछ देर पहले तुम्हारे और सुशांत के बीच क्या हुआ था,
हमारे पास सबूत है की तुम सुशांत के रूम में थे।”
धीरज “सर मै कमरे
में कुछ वक़्त के लिए था, हमारे बीच नार्मल बाते हुई, कुछ देर बाद मै रूम से बाहर आ
गया, मैंने कुछ नहीं किया।”
दया “पहले तो
तुमने ये बात छुपाई की तुम सुशांत के रूम में गये थे, अब ये कह रह हो की मैंने कुछ
नहीं किया तो किसने किया।”
....रूम न.2
..... प्रदुम और गोपी .....
सिद्धांत “आप
मुझे यहाँ ऐसे नहीं रख सकते, मेरी पहुँच उपर तक है”
गोपी “तेरे उपर
तक वालो को सर अपने नीचें रखते हैं”
प्रदुम “सुशांत
को तुमने क्यों मारा” सिद्धांत “मुझ पर यह झूठा इल्जाम है”
प्रदुम “सुशांत
की मौत से कुछ वक़्त पहले तुम उसके साथ उसके रूम में थे, ये बात तुमने हमसे छुपाई
क्यों की तुमने सुशांत सेन को मारा”
सिद्धांत “ये
सरासर गलत इल्जाम है।”
....रूम न.1....
गोपी रूम 1 से
रूम 2 में आता है और दया के कान में कुछ कहता है।
.... रूम न.1
.......
दया “दिनेश ने
बताया की तुम सुशांत के रूम में थे और सिद्धांत ने ये बयांन दिया है की सुशांत को
तुमने मार कर लटका दिया”
धीरज “सिद्धांत
झूठ बोल रहा है” दया “दिनेश, सिद्धांत तो सरकारी गवाह
बनाने के लिए तैयार हैं, तुम तो लम्बा गये”
“सिद्धांत झूठ
बोल रहा है, वो मुझे फँसा कर खुद बचना चाहता है, सुशांत का खून उसने किया मैंने
कुछ नहीं किया, मैं तो सिर्फ वहाँ पर मौजूद था” धीरज डर और आवेश में बोल गया।
....रूम न.2 .....
रामू रूम 2 से
रूम 1 में आ कर प्रदुम के कान में कुछ कहता है।
प्रदुम “अब
छुपाने से कोई फायदा नहीं है धीरज ने तुम्हारे खिलाफ बयाँन दिया है की सुशांत सेन
का खून तुमने किया है”
सिद्धांत “धीरज
झूठ बोल रहा है मैंने कुछ नहीं किया, ये मुझे फंसाने की कोई चाल है उसकी”
प्रदुम “तुम्हारे
खिलाफ हमारे पास पुख्ता सबूत और गवाह हैं।”
.... रूम न.1
.......
दया “पूरी घटना
बताओ क्या क्या हुआ वहाँ”
Sushant Death Story....
धीरज “सुबह नाश्ता
करने के बाद तक़रीबन 11 बजे हम दोनों सुशांत के रूम में गये सुशांत कुछ दिनों से
परेशान चाल रहा था, हम सभी नार्मल बाते कर रहे थे, सिद्धांत ने दिया की बाते छेड़
दी, सिद्धांत ने अपने कॉलेज टाइम की बाते बतायीं की उसके
ब्रेकअप के बाद उसने फाँसी लगा कर आत्महत्या करने की कोशिश की लेकिन फंदा भी गले
में डालने हिम्मत नहीं हुई, सोचता हूँ आज कोशिश कर के देखू, तुम लोग हो तो कुछ
अनहोनी भी नही होगी, हमने मना भी किया लेकिन सिद्धांत ने फंदा बना कर टांग दिया, सिद्धांत
फंदा गले में डाल कर बेड के किनारे पर खड़ा हो गया, और एक पैर बेड के आगे ले आया
लगा जैसे कूद जायेगा, फंदा गले से निकालते हुए सिद्धांत बोला की बहुत ही सनसनी
वाला खतरनाक अनुभव था, थ्रीलिंग वाओ।
सिद्धांत ने सुशांत को भी ट्राई करने को कहा, सुशांत का मन नहीं था लेकिन बार-बार कहने पर सुशांत दोस्ती में भरोशा कर के....जस्ट फन के लिए फंदा अपने गले में डाल कर बेड के किनारे पर खड़े हो कर एक पैर आगे
बढाया, सिद्धांत ने झटके से सुशांत का दूसरा पैर बेड से नीचे खीच दिया, सुशांत की बॉडी फंदे पर लटक गयी उसने पैर उपर रखने की कोशिश की लेकिन सिद्धांत ने उसका पैर उपर रखने नहीं दिया, 10 सेकेंड के अंदर-अंदर सुशांत के पैर शांत हो गये।”
दया “तुमने कुछ क्यों
नहीं किया, सिद्धांत को क्यों नहीं रोका, सुशांत की मदद क्यों नहीं की।”
धीरज “सर जब
सिद्धांत ने सुशांत का दूसरा पैर बेड से नीचे खीचा, मै घबरा गया, मैंने सिद्धांत
को उसका पैर छोड़ देने के लिए थोड़ा चिल्ला कर कहा, लेकिन उसने कहा की अगर जिन्दा
रहना चाहते हो तो बीच में ना पड़े, मै डर गया था।”
दया “डर क्या
होता है ये तुम्हे अब पता चलेगा, दिनेश भी घर में मौजूद था, इतना कुछ हुआ उसे पता
कैसे नहीं चला।”
धीरज “सुशांत के
रूम में और ड्राईग रूम में टीवी चाल रहा था शायद उसे आवाज सुनाई नहीं दी, क्यों की
हममें से कोई भी चिल्ला कर नहीं बोला, फंदे पर लटकते ही सुशांत की भी कोई आवाज
नहीं निकली।”
दया “दरवाजा बंद
था कैसे?”
धीरज “सर
सिद्धांत ने रूम की डुप्लीकेट चाभी पहले से बना रखी थी, उसने दरवाजा बाहर से लॉक
कर दिया, और ऐसा दिखाया की रूम अंदर से लॉक है और उसने बाहर से लॉक तोड़ा है”
रूम न. 2 ....
में सिद्धांत इस बात से इंकार करता रहा की उसने कोई जुर्म किया है.......
इंट्रोगेसन के
बाद.. ऑफिस में,,,,
दया “सर सिद्धांत
तो अपना जुर्म मान नहीं रहा है तो अब क्या करें”
प्रदुम “अपराधी
कितना भी बचना चाहे कानून से बच नहीं सकता, अभी सिद्धांत को ये बात नहीं पता की
धीरज ने हमें सारी घटना डिटेल में बता दी है।”
CID टीम की कई दिनों तक इन्वेस्टीगेशन और इंट्रोगेसन चलती रही, उन्हें कई सबूत भी मिले।
Sushant Death Mystery....
सिद्धांत ने भी अपना जुर्म कबूल कर लिया, उसने बयाँन दिया की “1 जनवरी को एक पार्टी में दिया से मुलाकात हुई थी, दिया थोड़े नशे में थी और फ्रस्टेटेड भी थी, सुशांत ने उसे बोला था कि अगर उसके पैसे वापस नही मिलेंगे तो वो पुलिस के पास जायेगा और उसके दुसरे उल्टे गलत कामो के बारे में बता देगा, दिया ने गुस्से में बोला कि अगर कोई सुशांत को मार दे तो वो 50 लाख देगी, तो उस ने मजाक में कहा की अगर वो ये कर दे तो, दिया उसे पार्टी से बाहर ले गयी और 5 लाख उसके हाथ में ये कह कर दे दिए कि ये पैसे किसी और को देने थे लेकिन ये काम ज्यादा जरुरी है। उसी पार्टी में धीरज भी मिला, बातो बातो में उसने धीरज से कहा कि मान लो अगर सुशांत मर जाए तो, धीरज ने कहा कि उसका तो भला ही हो जायेगा 25 लाख नहीं देने पड़ेंगे।
उसने कई दिनों तक ये प्लान किया लेकिन हिम्मत
नहीं हुई, 12 जनवरी की सुबह उसने पार्टी वाली बात फिर से धीरज से बोली तो धीरज
बोला मजाक मत करो जेल नहीं जाना है, तो उसने कहा कि अगर ये आत्महत्या लगे तो। इस
बात पर धीरज ने कहा कि फिर कोई प्रॉब्लम नही है, लेकिन सुशांत के रूम में जो हुआ
उसे देख कर धीरज कि डर से पैन्ट गीली हो गयी.”
CID की पूछताछ
में दिया बनर्जी ने इससे इंकार कर दिया कि उसने पार्टी में ऐसा कुछ भी सिद्धांत से
बोला था और उसे 5 लाख दीये।
धीरज ने भी इंकार
कर दिया कि उसने सुशांत का मर्डर करने के लिए हामी भरी थी।
CID के हाथ ये डिटेल लगी कि सिद्धांत पर टोटल 75 लाख का और धीरज पर 35 लाख का कर्ज था। सुशांत से सिद्धांत ने 50 लाख और धीरज ने 25 लाख लिए थे जो वे नहीं लौटा पा रहे थे, इन पैसो से उन्होंने अपना कुछ कर्ज चुका दिया था, बाकि पैसो के लिए कर्जदार उन पर दबाव बना रहे थे और सुशांत को भी पैसो की जरुरत थी. जो उसने दोनों से मांगे थे।
दिया बनर्जी के
भाई शोवित बनर्जी की फर्जी कंपनी में 6 करोड़ सुशांत के
अकाउंट से ट्रान्सफर किये गए थे, ये पैसे किन हालात में और क्यों ट्रान्सफर किये
गए ये नहीं पता चल पा रहा था। कुछ और पैसो कि भी हेराफेरी की गयी थी।
Sushant Justice....
सुशांत सेन की मौत में किसका कितना हाथ है ये खोजबीन जारी है। लेकिन ये मिस्ट्री साल्व हो गयी कि सुशांत मर्डर या सुसाइड?
(Hindi Kahani Sushant Murder or Suicide Hate Love Story in Hindi) P.K.
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