Mystery Ajeeb
Rahasya Hindi Kahani : मर्डर मिस्ट्री थ्रिलर सस्पेंस हिंदी कहानी या सच?
इंस्पेक्टर सुखी सुबह के 6 बजे शुख की नींद में थे, कि
अचानक उनके मोबाइल की रिंग बजी..आँखें मलते हुए..हाथ में मोबाइल लेकर बोले “नाम सुखी
है लेकिन दुनिया शुख से रहने नहीं देती..इस मोबाइल की घंटी ने..जिंदगी का घंटा बजा
रखा है”..
मोबाइल पर उन्हें एरिया के बाहरी इलाके में मर्डर की इनफार्मेशन मिली..कुछ
ही देर में मर्डर स्पॉट पर पुलिस के बड़े अधिकारी भी पहुँच रहे थे..क्यों कि ये हाई प्रोफाइल केस था..और जिन लोगो का मर्डर हुआ..वे नामी
व्यक्ति थे..
आम व्यक्ति और नामी व्यक्ति की सुख सुविधा..उनकी स्पेशल ट्रीटमेंट में
अन्तर ..जिन्दा रहते ही नहीं ..मौत के बाद भी दिखता है.. ..नामी व्यक्ति की मौत भी
स्पेशल तौर तरीके से ली जाती है..
बड़े अधिकारीयों ने सब विजिट करने के बाद..इंस्पेक्टर सुखी से..डिटेल
इनफार्मेशन साम तक चाहिये..ऐसा आर्डर दे कर चले गए..
इंस्पेक्टर सुखी “जितना टाइम आज तक मर्डर केस सोल्व करने में लगाया है
..उसका आधा समय भी लड़की खोजता तो शादी हो गयी होती मेरी” अपनी गर्दन हिलाते हुए मन
ही मन सोच रहे थे..
इंस्पेक्टर सुखी सारी डिटेल के साथ अपने सीनियर ऑफिसर के पास पहुँचे..
सीनियर ऑफिसर ”दोनों मर्डर की इनिशियल इन्वेस्टीगेशन रिपोर्ट क्या है”
इंस्पेक्टर सुखी ”सर, दोनों मर्डर शहर के बाहरी इलाके की बंद पड़ी आइस
फैक्ट्री में हुआ है..दोनों के शरीर पर साथ मार-पीट के निशान मिले हैं..दोनों विक्टिम
की हत्या एक बड़े से हॉल..एक दूसरे के सामने.. की गयी..
..मि.कुमार के दोनों हाथ बंधे हुए थे ..उनके सीने की पसलियों के बीच में
बड़ा घाव था जो गीला था ..किसी धारदार बड़े मोटे हथियार से वार किया गया..संभवतः उनका
लीवर बुरी तरह डैमेज हुआ है..शर्ट पर खून के साथ काफी पानी के सूखे निशान मिले
हैं..हत्या से सम्बंधित कोई हथियार बरामद नहीं हुआ है..तलाश जारी है..
..मि.जलाल की बॉडी फंदे पर लटकी हुई मिली ..हाथ पीछे से बंधे हुए थे ..मगर
उन्हें फंदे पर जबरजस्ती खीच कर लटकाया नहीं गया.. न ही फंदा एक झटके में
उनकी गर्दन में कसा ..फंदा धीरे धीरे कसा क्योकि उनकी गर्दन पर रस्सी के रगड़ के
काफी निशान हैं ..उनकी बॉडी जमींन से लगभग 15 से 20 इंच उपर लटकी थी.. बॉडी के नीचे जमींन पर काफी पानी फैला था..वहाँ कोई स्टूल या सामान नहीं मिला जिस पर उन्हें खड़ा कर..उसे खींच लिया
गया हो ..हॉल खाली था कोई सामान नहीं था..मि.जलाल के शरीर पर कपड़े और पैरों में
जूते थे..जमींन पर पुरानी धूल जमी हुई थी..जिस पर कातिल और दोंनो विक्टिम के पैरो
के निशान थे ..उन दोनों का मर्डर क्यों हुआ और कैसे हुआ ये अभी मिस्ट्री है”
Story in Hindi
सीनियर ऑफिसर ”दो दिन के अंदर इन्वेस्टीगेशन डिटेल रिपोर्ट..पोस्टमार्टम
रिपोर्ट मेरी तबल पर होना चाहिये ..कातिल का पता जल्द से जल्द लगाओ ..ऊपर से बहुत
प्रेशर है इस हत्याकांड को सुलझाने का..मीडिया ने पुलिस महकमे की किरकिरी कर रखी
है”
पुलिस भी परेशान थी कि अगर मर्डर हुआ तो दरवाजा अंदर से बंद कैसे था..कातिल
मर्डर करने के बाद अंदर से बाहर कैसे आया ..एक दिन में तीन मर्डर की खबर से मीडिया
ने तहलका मचा दिया था..
इंस्पेक्टर सुख ‘जब जहाँ जैसे लंका लगनी होती है तो लग ही जाती है.. ..लंका
की लंका लगने से तो ..रावण भी बचा नहीं पाया था’ ..अपनी
गर्दन हिलाते हुए सोच रहा थे..
इंस्पेक्टर सुख अपनी टीम ले कर इन्वेस्टीगेशन में लग गए थे..मगर कोई लीड
नहीं मिल रही थी ..CCTV में एक व्यक्ति की सिनाक्त हुई उसका मुँह ढका हुआ था ..उसके
बारे में कोई लीड नहीं मिल रही थी..
..पुलिस को खबर मिली कि उन्हें जिस हत्यारे की तलाश है ..उसे कुछ गैंग भी
ढूंड रहे थे..लेकिन गैंग इस मामले में क्यों इन्वाल्व है और उन्हें कातिल से क्या
लेना देना है..इसकी कोई खबर नहीं थी..
..मीडिया में हर रोज ..एक दिन में तीन क़त्ल..एक जल्लाद शहर में खुला घूम
रहा है ..पुलिस उस जल्लाद को पकड़ने में नाकाम..मीडिया ने उस कातिल को ‘जल्लाद’ का
नाम दे दिया था..
क्रमशः ....
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